नारी की परीभाषा नारी ही तो है सम्मान आदर की मुरत नारी ही दिखलाये जीवन मे खुशियो कि सुरत नारी का करोगे सम्मान आदर मिलेगा जीवन गुलाब के फूल कि तरह खिलेगा नारी ही तो भारत मॉ ममता की मुरत है नारी ही तो देश कि आजादी का स्वरूप है दुनिया को बनाने वाली नारी माता दुर्गा है दुनिया को बचाने वाली नारी मॉ कालीका है दुनिया मे ही एक देश नारी भारत मॉ का है जिनकि मिट्टी की खुशबु मे हर कोइ बन्ध जाता है देश को बेचने वालो का काल ही तो नारी है आजादी दिलाने वाली नारी लक्ष्मीबाई है नारी के है रूप इतने देवि कहलाये वो हर रिश्ते को सच्चे साफ मन से निभाये वो मॉ बाबा का बेटी बन सर गर्व से उठाए नारी तो कभी बहन बन रक्शाबन्धन निभाये नारी कभी बन पत्नि सात जन्मो का दे साथ नारी तो कभी मॉ बन ममता बिन स्वार्थ लुटाए नारी नारी के बिना किसी का कोई अस्तित्व नहीं बादलो को चिर निकला सुर्य का प्रकाश है नारी बादलो को चिर निकला सुर्य का प्रकाश है नारी