संदेश
2016 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं
आसान नही होता
- लिंक पाएं
- ईमेल
- दूसरे ऐप
मुश्किलो का जवाब कभी शमशान नही होता मजबूत हो जिसका दिल वो इंसान नही रोता पर चाहो तो तुम रोकर हल्का कर लो मन क्योकि दिल में दबाये रखना तो आसान नही होता आत्मसम्मान गिराकर कोई व्यक्ति महान नही होता बेमन से पहनाया गया हार कभी सम्मान नही होता आसानी से चाहो तो तारीफे झूठी सुन लो क्योकि दिल में जगह बनाना तो आसान नही होता तिजोरी खूब भरकर कोई धनवान नही होता दो चार भलाई करके कोई गुणवान नही होता रिश्ते ही असली पूंजी है इन्हें सम्भाले रखना क्योकि इस पूंजी को फिर कमाना आसान नही होता प्यार व अपनेपन का कोई मोल नही होता नफरत का सुखी जीवन से मेलजोल नही होता प्यारी है ये सृष्टि प्यार से इसको सींचो क्योकि नफरत पीकर जीना आसान नही होता घर ही घर में रहने से कुछ काम नही होता गाँव में ही कुछ करने से नाम नही होता कठिन लगे तो इतने में ही मन को कर लो खुश क्योकि दुनिया में छा जाना तो आसान नही होता बचपन से सुख मिलने में कोई मान नही होता जीवन जो फटकारे तो अपमान नही होता वरना दुसरो की राहो पर पीछे पीछे चलना क्योकि खुद की राह बनाना तो आसान नही होता छोटी चोट जो सह जाए बलवान नही होता स्वार्थीपन
नारी के संस्कार
- लिंक पाएं
- ईमेल
- दूसरे ऐप
नारी , जिसे दुनिया अबला समझती है और कहती है नारी को पुरुषो के समान अधिकार, प्यार, सम्मान और संस्कार मिलना चाहिए । शुरू की 3 चीज़े तो सही है लेकिन जब बात संस्कार की आती है तो उसमे नारी व पुरुष को समान नही रखा जा सकता । मेरे कहने का तात्पर्य यह नही है की नारी को बंदिश में रखा जाए या रूढ़िवादी संस्कार उस पर थोपे जाए मेरे कहने का तात्पर्य है संस्कार। अच्छे संस्कार की जरूरत तो नारी और पुरुष दोनों को है पर ध्यान देने की जरूरत पुरुष से ज्यादा नारी पर है और ऐसा इसीलिए क्योकि नारी एक शक्ति है वो शक्ति जिसकी क्षमता का अंदाजा अब तक कोई नही लगा पाया । नारी का सम्बन्ध दो परिवारो से होता है एक उसका पीहर और एक ससुराल । नारी इन दोनों घरो का मान होती है । नारी यदि अपनी शक्ति को पहचान ले तो वह कुछ भी कर सकने की ताकत रखती है और उस समय वह शक्ति कई पुरुषो की ताकत के समान होती है। नारी की इसी शक्ति के कारण उसके संस्कारो पर ध्यान देने की जरूरत ज्यादा है क्योकि यदि नारी के संस्कार अच्छे हुए तो वह दोनों घरो को स्वर्ग बना देगी। हर परिस्थिति में स्वयं को ढाल लेगी। किन्तु यदि नारी के संस्कारो में खोट रही तो वह
आँखों देखी मासूमियत
- लिंक पाएं
- ईमेल
- दूसरे ऐप
आज जब मैं कॉलेज से घर आ रही थी, तब बस में मेरे सामने वाली सीट पर दो लड़कियाँ बैठी थी, शायद 11 या 12 साल की होंगी | वो जब बाते कर रही थी तो मुझे हँसी आ रही थी क्योकि उनकी बातो का विषय था उनकी स्कूल और स्कूल की बाते तो होती ही है मजेदार और फिर वो जिस तरह से बाते कर रहे थे हाथ और सर हिलाकर , नकल उतारकर तो मैं क्या कोई भी हँस पड़ता । पर इसके बाद जो मैंने मासूम नजारा देखा उसको देख कर मेरे चेहरे से हँसी की जगह मुस्कुराहट ने ले ली । उन्होंने स्टेशन से दो मूंगफली के पैकेट लिए जो आगे आने वाली नदी में मछलियो के लिए थे और एक पैकेट लिया उनके खाने के लिए । फिर वो सोच विचार करने लगी की इसे नदी में कैसे डाले ???? क्योकि उनकी टीचर ने सिखाया था , नदी में या कहीं पर भी पालीथीन नही फेंकनी चाहिए तो अब क्या करे??? फिर उनमे से एक ने कहा अपन मूंगफली कागज में बाँध कर डालते है कागज नदी में गल जायेगा फिर दोनों ने अपनी रफ कॉपी में से एक एक पेज निकाला और मूंगफली उस पेज में रखी फिर पहली ने दूसरी से कहा - क्या करे मूंगफली ऐसे ही डाले क्या?? तो दूसरी तपाक से बोली - पागल है क्या मछलियो के मुँह कितने छोटे छोटे हो
आजादी के स्वर्णिम पल
- लिंक पाएं
- ईमेल
- दूसरे ऐप
47 की उस रात का करो महसूस वो स्वर्णिम पल वन्दे मातरम् से गूंजा भारत सड़को पर तब थी हलचल दुःखो के बादल छट रहे थे आँखों में थे सुकून के पल बदला बदला होगा सूरज नए प्रकाश की थी पहल मन बोल रहा अलग सी भाषा 200 साल जो बोली ना भारत माँ की बेडी टूटी सांस ले रहा तिरंगा उन पलो को सोच सोचकर मन हर्षित है सबका आज जब भारत माँ के सर पर था आजादी का सुनहरा ताज इन आजादी के पलो को फिर से अब ना खोना है तन से तो भारत के है पर मन से भी अब होना है सभी को स्वतंत्रता दिवस ढेर सारी बधाईयाँ
गुरु पूर्णिमा
- लिंक पाएं
- ईमेल
- दूसरे ऐप
गुरु ही ब्रम्हा है , गुरु ही विष्णु है , गुरु ही देवो के देव महेश गुरु की शरण उन्नति लाये मिट जाते है सारे मन के कलेश नूतन की सोच ये हे पूजा का विचार गुरु का ज्ञान बढ़ाए शिष्टाचार गुरु पूर्णिमा पर सभी को मेरा शत शत नमन क्योकि हर इंसान कुछ न कुछ तो सिखाता है इसीलिए हर इंसान में एक गुरु है । === नूतन (पूजा) त्रिवेदी ===
धर्म और हम
- लिंक पाएं
- ईमेल
- दूसरे ऐप
nutankevichar.blogspot.com आतंकवाद की नही जरूरत हम अपने ही काफी है क्रोध की ज्वाला सबको जला दे यहाँ ना मिलती माफ़ी है 2 सदी पुराना किस्सा फिर सामने खड़ा हुआ देश की इज्जत दाव लगाकर खेल रहे कुछ लोग जुआं इस बार की नासमझी में बस थोडा सा अंतर है बाहर वाले ने नही अपनों ने फूंका मन्त्र है हिन्दू बोले गलत है मुस्लिम मुस्लिम की भी यही कहानी हममें झगड़े लगवाकर कुछ लोग कर रहे मनमानी तुम चाहो तो पल में मिटा दो अपने मन की कड़वाहट इंसानियत के कदमो की सुनकर तो देखो आहट गुनाह जो भी करता है सजा का हकदार सिर्फ वही पुरे धर्म को चोट पहुचाओ ये तो बिलकुल सही नही जाने कब तक दुसरो के भड़काने पर हम भड़केंगे जहर दबा कर सीने में जाने कब तक रखेंगे क्रोध उन्हें दिखाओ तुम जो तुमको भड़काते है नफरत की ज्वाला में वो तुमको भी तड़पाते है इतने हम तो गिर चुके की धर्म को भी बदनाम किया ईश्वर , अल्लाह , ईसा मसीह इन पर भी तीर छोड़ दिया आया कोई उसने तुमको जहर भरा प्याला दिया तुमने भी ना सोचा समझा उस जहर को पी लिया सोचो तुम भी क्या कोई पूरा धर्म पापी होगा ईश्वर , अल्लाह , god से कोई तो डरता होगा पापी हे मुट्ठी भर
रानी लक्ष्मीबाई
- लिंक पाएं
- ईमेल
- दूसरे ऐप
वीरता की वो है मूरत थे गौरवशाली उसके वार, एक अकेली काफी थी फिर चाहे हो अंग्रेज हजार, सेना में जो जोश जगा दे जोश था उसकी बातो का, दुश्मन पीठ दिखाकर भागे वो तेज था उसकी आँखोंका, रानी तेरे बलिदान को कभी भी ना भूलेंगे हम, मनु , छबीली , लक्ष्मीबाई , वीरांगना तुझको नमन। झाँसी की रानी , वीरता की मूरत , हर नारी की आदर्श महारानी लक्ष्मीबाई को उनके बलिदान दिवस पर शत - शत नमन । रानी लक्ष्मीबाई अमर है और रहेगी जय हिन्द
हमारी समझ - लेख
- लिंक पाएं
- ईमेल
- दूसरे ऐप
आप क्या हो बेवकूफ या समझदार????? यह जानने के लिए पूरा msg ना सही पर थोडा तो आप पढ़ ही सकते हो मैं आपको कुछ ऐसी जानकारियो से अवगत कराना चाहती हूँ जिन्हें आप जानते तो हो पर शायद मानते नही सबसे पहले तो आप इस अवधारणा को मन से निकाल दो की पुरानी बातो का उपयोग करने से आपका standard कम हो जायेगा । तभी आप इस msg को समझ पाएंगे ⚜आप जानते हो की हमारा देश कितना प्राचीन है और भारत की हर चीज़ , हर बात में कितनी सच्चाई और अच्छाई होती है । ये सिर्फ हम भारतवासी ही नही पूरी दुनिया जानती है । ⚜सबसे पहले हमारी भाषा जिसकी जगह हमने अंग्रेजी को दे रखी है । आप जानते हो की हिंदी भाषा बोलने से विनम्रता महसूस करते है हम भी और जो सुनता है वो भी । पर हमे विनम्रता नही स्टैण्डर्ड चाहिए । ⚜हमारे देश मैं कुत्तो को नही गायो को पालने की परम्परा है क्योकि गाय का दूध , गोबर और गौमाति कितना पवित्र और सेहतमंद है ये आप जानते हो हाँ मानते नही क्योकि आपने सेहत को नही स्टैण्डर्ड को चुना और गायो की जगह कुत्तो को दे दी । ⚜ॐ का उच्चारण कानो को कितना मधुर लगता है और ॐ के उच्चारण से मन और सेहत दोनों स्वस्थ रहते है ये ह
वन्दे मातरम्
- लिंक पाएं
- ईमेल
- दूसरे ऐप
वंदे मातरम् तो हर जुबान कहती है लेकिन दिल में भारत माँ का नाम कहाँ है भारत माँ को दिल में जो बसा भी ना सके क्यो कहे की हम भी एक हिंदुस्तानी है हिंदुस्तानी कहलाना ना आम बात है हीरे की भी इसके आगे क्या औकात है मुसीबत से हारे वो हिंदुस्तानी नही जिगरा ऐसा दुनिया भी समा जाये कहीं सारी दुनिया जिसके आगे सर झुकाती है हिंदुस्तानी बोले तो कुछ कह ना पाती है दुनिया का सिरमौर फिर भारत बनाएंगे हिंदुस्तानी ऐसा काम कर दिखाएंगे पावन सी धरती पर कुछ कपूत भी हुए भारत माँ को कितनी बार ये रुला चुके भारत माँ क्यों बेड़ी में बाँधी जाती हर बार क्यों अपनों का ही होता हमेशा उस पर वार नारी पर भी जुर्म कितने हो रहे यहाँ नारी शक्ति की चिंगारी छुपी है कहाँ जिस देश में पूजनीय होती थी नारी वही उसकी अस्मते अब छीन ली जाती क्रूर कितना हो गया समाज अब यहां जाने कहाँ गया मेरा प्यारा हिन्दुस्तान धर्म के झगड़े अब सबको रास आते है पहले जैसा प्यार सब कहाँ निभाते है गुंडागर्दी देश का कानून बन गया कानून के रखवालो ने बढ़ावा जो दिया इनमे से कुछ सच्चे है भारत माँ के बेटे पर पापी लोग उनको कहा जीने देते है ईमानद
कौन हूँ मैं ?
- लिंक पाएं
- ईमेल
- दूसरे ऐप
मैं गर्वित वो इंसान हूँ जो इस देश में जन्मी हूँ मैं गर्वित वो इंसान हूँ जो इस मिट्टी में पनपी हूँ पर कौन सा देश? मैं बेटी हूँ उस देश की जहाँ लक्ष्मीबाई ने जन्म लिया मैं बेटी हूँ उस देश की जिसे सबने माँ का मान दिया मैं बेटी हूँ उस देश की जहाँ लहू माटी में खोल रहा शिश लगा लो माटी को बलिदान की बाते बोल रहा मैं बेटी हूँ उस देश की जहाँ सच का बड़ा सहारा है मैं बेटी हूँ उस देश की जहाँ ताकतवर भी हारा है मैं बेटी हूँ उस देश की जहाँ भक्ति, शक्ति कम नही मैं बेटी हूँ उस देश की जहाँ जान भी दे तो गम नही मैं बेटी पर्वतराज की मैं बेटी हर आवाज की हाथ में रख लोहा पिघला दे गर्म लहू जाँबाज़ की मैं बेटी हूँ उस देश की जहाँ पलता भाईचारा है मैं बेटी हूँ उस देश की जहाँ हर एक धर्म हमारा है मैं बेटी हूँ उस देश की जहाँ ईश्वर , अल्लाह एक है मैं बेटी हूँ उस देश की जहाँ विचार सबके नेक है मैं बेटी हूँ उस देश की जहाँ सच तो अब तक छुपा नही मैं बेटी हूँ उस देश की जहाँ भ्रष्टाचारी बचा नही मैं बेटी उस अभिमान की मैं बेटी उस सम्मान की राह दी जिसने दुनिया को मैं बेटी ऐसे ज्ञान की मैं बेट
सुन ले देशद्रोही
- लिंक पाएं
- ईमेल
- दूसरे ऐप
ऐ देशद्रोह के दाता सुन आतंक के भाग्यविधाता सुन जाग चुकी है फिर यह धरती उन कदमो की आहट सुन अब तू तो ना बच पायेगा अब तू तो ना टिक पायेगा तू भूल गया यह देश है किसका सुन याद तुझे अब आएगा यह देश नही भगोड़ों का यह देश नही है चोरो का यह देश है शेर सी ताकत रखते भारत माँ के वीरो का लक्ष्मी है इस देश की बेटी शर्म , हया आँखों में रहती पर दिल में लक्ष्मीबाई की मूरत तुझको वो खाक कर देगी ना हम जलिया बाग को भूले ना ही हम आजाद को भूले ना भूले वो फुट डालना अपनों का अपनों को मारना ना तुझ जैसे गद्दार को भूले ना अपनों के वार को भूले पर भूल गया तू तुझ जैसो के कटे सर मिट्टी में मिले यूँ तो देश में फूल बिछे है पर तुझको वो अंगार लगेंगे नजर उठा कर देख तुझे यहाँ भारत माँ के लाल दिखेंगे जो खिलाफ देश के जायेगा ना हिन्दू ना ही मुस्लिम इस बात को सह पायेगा भारत माँ पर तेरा एक शब्द तुझे नर्क का द्वार दिखाएगा हर देशद्रोही इस धरती का अब तो ना बच पायेगा अब तू काबिल ना होगा की फिर इतिहास दोहराएगा या फिर गुलाम बनवायेगा अब जाग चूका हर भारतवासी तू कुछ ना कर पायेगा तू पहले ही जल जायेगा
इंसानियत बचाओ
- लिंक पाएं
- ईमेल
- दूसरे ऐप
अपने धर्म की रक्षा करो तुम नही किसी को एतराज़, अपने धर्म को बढ़ाने का बेशक करो आगाज, पर बतला दो एक बात मुझे तुम किसने दिया ये हक तुम्हे, की धर्म के नाम पर इंसानियत का गला घोटने तुम लगे, धर्म हमारी धरोहर है इसको ना बदनाम करो, देश के लिए हम एक हुए थे उस पल को तुम याद करो, भारत माँ को कुछ भी बोला जान उसकी निकालेंगे, पर हे कसम इस गुस्से में बेगुनाहो को नही मारेंगे हे संकल्प हे संकल्प ऐसा हे संकल्प इंसानियत को बचाने का यही हे एक विकल्प बस यही हे एक विकल्प
Velentine day
- लिंक पाएं
- ईमेल
- दूसरे ऐप
rose day से शुरुआत हुई मेरी फूलो से बात हुई फूल दुखी होकर बोले जिंदगी हमारी बर्बाद हुई जब तक थे हाथ में भारतीयो के लगता था वाकई फूल हे हम कभी ईश्वर पर तो कभी शहीदों पर गर्व से फुले न समाते थे हम पर जब से रीत अंग्रेजी आई लोगो ने तो खुशियां मनाई कभी ख़ुशी में हमे बिखरा दिया कभी गम में हमे मरोड़ दिया आज की इस पीढ़ी ने हमारे वजूद को ही झकझोर दिया prapose day पर खुश हो बहुत ये चार पल की चांदनी है रोज करो ईश्वर को प्रपोज़ वो मान गए तो आमदनी है choklate day पर चॉक्लेट ने भेजा मुझे पैगाम तेरा मन तो भरता नही बख्श दे ए इंसान मैं बोली इंसान ने तेरा ऐसा भी क्या छीन लिया खाने के लिए बनी हे तू हमने तो वही काम किया कहा समझा है तू अभी की क्यों में पिघली जाती हु जब तुम लोगो की कठोरता को आँखों से देख ना पाती हु एक तरफ हे कितने बच्चे भूखे ही सो जाते है और लड़के अपनी gf पर खूब चॉक्लेट लुटाते है कभी चॉक्लेट डे के दिन बच्चों की भूख मिटाकर तो देखो वो छोटी चॉक्लेट से ही खुश हो जाते और तुम अपनी gf को देखो teddy day पर टेडी का लटका हुआ चेहरा देखा मुझे तो हे बच्चे ही पसंद कहा लड़कियो के बिच