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मार्च, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

चेहरे

सच्चा कौन है? झूठा कौन? जो जान गए तो मान गए हम, दस रूपो का एक है चेहरा भ्रम में हो पहचान गए तुम, एक रूप को जानोगे तो नौ को क्या झुठलाओगे, मुख पीछे का रूप दिखा दे  वो दर्पण कहा से लाओगे, समय नही है समझ भी नही बोलो तो बोलो क्या किया जाय? सामान्य रहना सीख लो तुम अपने कर्मो पर ध्यान दिया...।

नववर्ष - २०८०

नव उमंग, नवनीत प्रभात, नववर्ष है हमारा, खेतो में नई हरियाली नव वसन्त है प्यारा, भीनी-भीनी भोर है, हवाओ में नव हर्ष, खुशियों से भर जाए आपका २०८० वर्ष....।

लिखना मेरी कला है यार

लिखती जो वो खुद नही लिखना तो मेरी कला है यार, सुविचार लिखती हूँ मतलब  जरूरी हो हूँ ज्ञान का भंडार, जो देखा महसूस किया शब्दो मे पिरोना आता है, उससे किसी को मदद मिले बस यही तो कारण भाता है, कला को मेरी आधार बनाकर मुझे बड़ा मत समझो ना, गलती को मेरी ताना बनाकर मेरी कला पर फोड़ो ना, लिखती हूँ बस इसीलिए इंसान होने का हक छीनो ना....।

होली - २०२३

रंग बिरंगी रंगों जैसे हो जीवन के रंग, थोड़ा लाल, गुलाबी, पीला कभी मचे हुड़दंग, तीखे, खट्टे, मीठे, कड़वे, चाहे जैसे रिश्ते, यार है, बुरा ना मानो होली से हर रिश्ते में प्रेम प्यार है...।