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गीता सार- प्रथम अध्याय

पहले अध्याय मे धृतराष्ट्र बोले संजय बाते युध्द की खोले कोरवो की सेना मे शूरवीर है द्रोपदी के पुत्र महारथी है सेनापतियो के नाम बताए संजय भीष्म , द्रोणाचार्य और कर्ण है रहे युध्द को जान कृष्ण वाणी का लो गीता ज्ञान सुन लो सारा जहान 2 शंखनाद से आकाश गुंजे इतने मे अर्जुन कुछ सोचे सारथी बने कृष्ण से ये कहे रथ को बीच मे खडा कीजिए अर्जुन देख रहे सभी अपने कैसे युध्द करूँ मैं इनसे शिथील हो खुद को जान कृष्ण वाणी का लो गीता ज्ञान सुन लो सारा जहान 2 अर्जुन कृष्ण से ये कह रहे है नष्ट कुल को कैसे करूँ मैं धन संपत्ति के लोभ मे आकर पाप बडा ये कैसे करूँ मैं बाते बता रहे है संजय अर्जुन की दशा को दर्शा रहे रखे अर्जुन कुल का मान कृष्ण वाणी का लो गीता ज्ञान सुन लो सारा जहान 2

गीता सार

"भारत के है ग्रंथ महान , उनकी भाषा निराली एक बार जो पढले कोई , जीवन की समझे कहानी उन ग्रंथो मे एक ग्रंथ है , गीता जिसका नाम कृष्ण वाणी से निकली गीता , जिसका अर्थ महान" कृष्ण वाणी का लो गीता ज्ञान सुन लो सारा जहान 2 अठारह अध्याय मे सिमटी गीता समझे जो इसको जहान को जीता अर्जुन को मिला ज्ञान कृष्ण वाणी का लो गीता ज्ञान सुन लो सारा जहान 2

कॉलेज life

कॉलेज के दिन फिर जीवन मे वापस से लोटेंगे ना सोच के आँखे नम हो जाती ये मस्ती फिर होगी ना शुरू शुरू कॉलेज का नजारा अजनबी सा लगता था दोस्त ज्यादा थे नही खाली खाली सा लगता था पर फिर दोस्ती बढने लगी ग्रुप रोज बढता जाता दोस्तो के बगैर गुजारना तीन साल मुश्किल होता काम रोज का था ये रूठना और मनाना सोच के आँखे नम हो जाती ये मस्ती फिर होगी ना अच्छे मुड से रोजाना कोचिंग की शुरूआत होती थी आखिरी कोचिंग आते तक मुड की 12 बजती थी लेकिन चाहे जो भी हो कोचिंग मे ही लगता मन हाथ मिलाना मस्ती करना यादे ना भुलेंगे हम एक दिन की छुट्टी का भी सात दिन जैसा लगना सोच के आँखे नम हो जाती ये मस्ती फिर होगी ना कॉलेज जाने का भी मन कभी-कभी बनाते थे लेकिन जब भी जाते थे सभी साथ मे जाते थे कॉलेज time मे सभी friends की शिकायते भरपूर होती Sem शुरू होता ही है की exam date आ जाती Exam होते ही फिर से wait कोचिंग का करना सोच के आँखे नम हो जाती ये मस्ती फिर होगी ना कॉलेज के कुछ ही दिन बचे है खुल के जी ले ना आखिरी दिन की बातो को यादो मे समा लेना क्योकि...........* कॉलेज के दिन फिर जीवन मे वापस से लोटेंगे ना

माँ

जब जब इंसान की ख्वाहिशे जवॉ होती है, उसके दर्द की माँ के पास दवा होती है। सहारा पाकर ठुकरा देते है कुछ बद्नसीब, पर माँ वो है जो उन्हे फिर भी दुआ देती है।।