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मणिकर्णिका

गर्व है उस देश की बेटी होने का जिस देश की रानी तुम हो, अभिमान कहो या कहो सम्मान पर इस मस्तक की शान तुम हो, स्वतंत्रता की आग लगाई वो चिंगारी तुम हो, चिर दिया गुरुर अंग्रेजो का वह धारीदार तलवार तुम हो, स्वाभिमान की सूरत भी हो अभिमान मेरा तुम हो, शरीर नही तो क्या हुआ पर हर नारी की आत्मा में तुम हो, शान हो, सम्मान हो, भारत का वरदान हो दुर्गा भी हो, काली भी, लक्ष्मीबाई तुम हो

चरित्र

आपका चरित्र आपकी शान होता है, आपके व्यक्तित्व की पहचान होता है, चरित्रहीनता कुछ लोगो के लिए आम बात है, पर कुछ लोगो के लिए उनका चरित्र उनका सम्मान होता है, लोग क्या कहेंगे इसकी चिंता भले ही ना करो, पर ईश्वर और अन्तर्रात्मा को चोट पहुँचे ऐसा तो कुछ काम ना करो, क्योकि आपका चरित्र आपकी अन्तर्रात्मा का मान होता है, और अन्तर्रात्मा से ही तो आपके अस्तित्व का जहान होता है