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बेबस माँ

बच्चे है भगवान का रूप उनमे छोटा ना कोई बङा मै अमीर या हूँ गरीब इससे उनको न फर्क पङा है कहानी एक गरीब माँ की जिसका बच्चा छोटा है आइस्क्रीम खाने के लिए जिद करके वह रोता है माँ चाहिए मुझे आइस्क्रीम मासुमियत से वह बोला देख बच्चे कि लालसा बेबस माँ का मन ङोला पैसे नही है पास मेरे इच्छा तेरी हो पूरी शान के आगे अमीरो की रह गयी हूँ मैं अधुरी काश अगर एैसा होता की काम मुझे मिल जाता इच्छा तेरी होती पूरी रहता नही तू भूखा काम करती थी जहाँ पहले गलती मुझसे हो गई उनके कुत्ते को हलकी सी चोट मुझसे लग गई काम से मुझको निकाल दिया कुत्ते पर पैसा खर्च किया कुत्ते की रखवाली करते इंसानो का खून किया एक समय था कुत्ते रखवाली करते इंसानो की कैसा ये कलयुग आ गया कुत्ते बने है राजाजी भूख से तङप कर रो रहा है बेचारा वो बच्चा दया जिसे न आ रही जीवन है उसका कच्चा दर्द बच्चे का माँ से देखा नही अब जाता ढुंढ रही है काम इतना कोई मदद नही देता स्वाभिमानी है वह औरत जो भीख नही ले सकती शिक्षा एैसी अपने बच्चे को वो नही दे सकती समझ नही पा रही है वो क्या करे कहाँ वो जाए अपने बच्चे के लिए रोटी कहाँ से लाए दर्द क

कुछ तो मुझे भी आता है

जानती हूँ मै अच्छी नही पर बुराई से लङना आता है बुराई मुझमे काफी है पर उन्हे सुधारना आता है कई बार चलते चलते ठोकर खाकर गिरती हूँ पर उठ जाने के फिर बाद सम्भलकर चलना आता है कई बार जब नादानी मैं दिल किसी का दुखाती हूँ पर एहसास होने पर माफी मांगना आता है चाहे मैं ना समझु सबको समान पर अपने से छोटो का भी आदर करना आता है