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गणपति बप्पा मोरया

मूषक वाहन जिनका भागे शिश मुकुट और सुंड भी साजे एकदन्ताय, वक्रतुण्डाय शिव के सलोने गणराया हुआ निराश ना वो कभी दर पर तेरे जो आया नटखट गन्नु विघ्नहर्ता हरते सभी कलेश इसलिए हम कहते है प्रथम पुज्य गणेश