*उत्साह बड़ा उत्साही* उत्साह शब्द भी बड़ा उत्साही है, जिसके दिमाग मे चढ़ जाता है, उसके जीवन मे उतर जाता है, और जब जीवन मे उतर जाता है, तब हर छोटी बात पर भी फुदक कर बाहर आता है, इसका समाज बहुत बड़ा होता है, यह हर रूप में खड़ा होता है, किसी मे तो छोटी बात पर भी बाहर आ जाता है, तो किसी मे बड़ी बात पर भी आने में शर्माता है, वैसे तो ये बड़ा शरारती है, कभी मनमोहक तो कभी हठी है, पर इसके सारे रूप निराले है, उत्साही लोग ही तो कहलाते दिलवाले है, निरुत्साही भी सबके दिलों पर मौज कर दे, पर कोई तो उसके दिल मे भी उत्साह भर दे, क्योकि उत्साह शब्द भी बड़ा उत्साही है, इसको दिल मे उतार लो, फिर जीवन अपने आप मे शाही है....। *नूतन पू.त्रि.(ओझा)*