सोचा न था कभी हम भी बदलेंगे, किसी के प्यार में कभी हम भी निखरेंगे, पर जब से हुई है आपसे मुलाकात, जुड़ा है आपसे जीवन भर का साथ, हमारा दिल भी खोने लगा है, हमे भी इश्क पर विश्वास होने लगा है......।
ब्राह्मण का एक रूप अनोखा सीधा नही पर सच्चा जान, ब्राह्मण का अस्तित्व बचाने रण में कूदे श्री परशुराम, बुराई के विरुद्ध छेड़ दी जंग सब करने लगे हाहाकार, ब्राह्मण ने उठाया शस्त्र जब बढ़ने लगा अत्याचार, हमे भी चलना नक्शे कदम पर शस्त्र के साथ हो शास्त्र का ज्ञान, शास्त्र ज्ञान जब हो जाये तभी उठाना शस्त्र और कहना जय परशुराम......। श्री परशुराम जयंती की आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं