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वन्दे मातरम्

वंदे मातरम् तो हर जुबान कहती है लेकिन दिल में भारत माँ का नाम कहाँ है भारत माँ को दिल में जो बसा भी ना सके क्यो कहे की हम भी एक हिंदुस्तानी है हिंदुस्तानी कहलाना ना आम बात है हीरे की भी इसके आगे क्या औकात है मुसीबत से हारे वो हिंदुस्तानी नही जिगरा ऐसा दुनिया भी समा जाये कहीं सारी दुनिया जिसके आगे सर झुकाती है हिंदुस्तानी बोले तो कुछ कह ना पाती है दुनिया का सिरमौर फिर भारत बनाएंगे हिंदुस्तानी ऐसा काम कर दिखाएंगे पावन सी धरती पर कुछ कपूत भी हुए भारत माँ को कितनी बार ये रुला चुके भारत माँ क्यों बेड़ी में बाँधी जाती हर बार क्यों अपनों का ही होता हमेशा उस पर वार नारी पर भी जुर्म कितने हो रहे यहाँ नारी शक्ति की चिंगारी छुपी है कहाँ जिस देश में पूजनीय होती थी नारी वही उसकी अस्मते अब छीन ली जाती क्रूर कितना हो गया समाज अब यहां जाने कहाँ गया मेरा प्यारा हिन्दुस्तान धर्म के झगड़े अब सबको रास आते है पहले जैसा प्यार सब कहाँ निभाते है गुंडागर्दी देश का कानून बन गया कानून के रखवालो ने बढ़ावा जो दिया इनमे से कुछ सच्चे है भारत माँ के बेटे पर पापी लोग उनको कहा जीने देते है ईमानद