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इतना तो चलता है

सच है तभी तो कड़वा है । -------------------------------- " इतना तो चलता है " यह पंक्ति आज काफी चलन में है और इस पंक्ति का उपयोग करते करते आज हम इतने आगे निकल आये की जो कभी हमारी संस्कृति में पाप हुआ करता था आज हमारी दिनचर्या है । जैसे - नारी व पुरुष का अपनी मर्यादा लांघना । ऐसे और भी कई उदाहरण है । ध्यान रहे संस्कृति परिवर्तन आपने किया है ईश्वर ने नही इसीलिए जो पाप है वो आपके खाते में जुड़ जाएगा । ====== PTN ======