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बचपन

झगड़ा जितना उतना प्यार,  ऐसा ही होता है बचपन का संसार,  रूठना, मनाना, रोना, गाना,  वो बचपन फिर से मिल जाये यार,  बड़े होने में वो मजा नही  क्योकि समझदारी कुछ ज्यादा है,  बचपन ही सबसे प्यारा होता  नफरत का ना कोई इरादा है....।

मौका मिले वहाँ सीखना

ना रूकना, ना थमना  और ना कभी घबराना, तुझे जहाँ से मौका मिले ना यार तू कुछ न कुछ सीखना, मुश्किलें आती है  और आती ही रहेंगी, जो तुझे रोकेंगी, खिंचेगी, धक्का मारकर गिरा भी देगी, पर तू उन्हें जवाब देना  और फिर खड़े हो जाना, तुझे जहाँ से मौका मिले ना यार तू कुछ न कुछ सीखना, और चाहे उतना आगे बढ़ जाना लेकिन उसके बाद भी तुझे जहाँ से मौका मिले ना यार  तू कुछ न कुछ सीखना और बस सीखते ही रहना....।

संजा का कोट किला

आज बनाया कोट किला तरह तरह की चीज़ों से, गोबर से आकार दिया फिर सजा चमकीले कागज से, भुट्टे का है ढोल यहाँ पर  गेंहू, ज्वार की आँखे है, सुंदर रथ में भरतार जी संजा को लेने आते है, कौआ, मिट्ठु, सोलह सखियाँ जाड़ी जसोदा, पतली पेम, सोलह दिन का उत्साह लेकर आती अपनी संजा बेन, नई कलाएँ आजमाने को मौके खूब मिलेंगे ही, पर पुरानी कलाओ का आनन्द मिल रहा वह है हमारी खुशकिस्मती....।