गरिमामयी पद- प्रत्यक्ष गरिमा
आप किसी रॉकस्टार से कहो कि जनता के सामने साधारण कपड़ों में जाओ तो वह कहेगा नहीं, यह मेरी शान के खिलाफ है। आप किसी शिक्षक से कहो कि बच्चों के सामने बंदरों जैसी हरकतें करो तो वह कहेगा नहीं, यह मेरी शान के खिलाफ है। आप किसी नेता से कहो की जनता के सामने नाचे गाएँ तो वह कहेगा नही, यह मेरी शान के खिलाफ है। आप किसी जोकर से कहो की सबके सामने गम्भीर रहो तो वह कहेगा नही, यह मेरी शान के खिलाफ है। इनके अतिरिक्त और भी कई ऐसे पद हैं जिनकी विशेष गरिमा होती है, जो प्रत्यक्ष होती है। हर कोई अपने पद की प्रत्यक्ष गरिमा को बनाए रखने के लिए कई बार अपनी इच्छाओं को मारता भी है क्योंकि वह अपने पद का सम्मान करता है और जो अपने पद का सम्मान नहीं करता उसे दूसरों से सम्मान नहीं मिलता है। ठीक ऐसे ही एक और पद है जो सभी पदों से कहीं ऊपर है और वह है स्त्री पद। जिसकी भी कुछ प्रत्यक्ष गरिमा होती है जिसे वही बनाए रखती है जो अपने स्त्री होने पर गर्व करती है। क्योंकि हर कोई अपने पद की प्रत्यक्ष गरिमा को बनाए रखने के लिए मेहनत करता है तो यह कहना गलत नही की स्त्री को भी अपने पद की प्रत्यक्ष गरिमा