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दादी माँ

माँ की साँस, पापा की माँ, माता-पिता दोनों का प्रेम मिलता जिनसे वह दादी माँ.....। 😊😊🥳🥳🥳😊😊

2 अक्टूबर- दो रत्नों का मेल

आज दिवस है बड़ा निराला दो रत्नों का मेल है, कैसे लड़ना है यह सबका अपना अपना खेल है, कोई है जाबांज यहाँ पर कही जोश भरपूर, तो किसी की रणनीति ने तोड़ा अंग्रेजो का गुरुर, ऐसे ही दो रत्न हमारे गांधीजी और शास्त्रीजी, सांप मरे लाठी न टूटे ऐसी इनकी नीतियां थी, सादगी और सौम्यता लेकिन जोश भरा हर अंग, तरकीब और तकनीकों से जीती कई सारी जंग....।