ख्वाब लिंक पाएं Facebook Twitter Pinterest ईमेल दूसरे ऐप लेखक: मेरे विचार - मार्च 15, 2015 किसी ने आँखो का मंजर बेचा , तो किसी ने ख्वाबो का समंदर बेचा, हमारे ख्वाब कोई खरीद न सका, क्योकि चाँद को हमने अपने हाथो मे देखा । nutankevichar.blogspot.com