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ख्वाब

किसी ने आँखो का मंजर बेचा , तो किसी ने ख्वाबो का समंदर बेचा, हमारे ख्वाब कोई खरीद न सका, क्योकि चाँद को हमने अपने हाथो मे देखा ।