माँ पर लिखना समंदर लिखो, पर बूंद भर भी ना लिख पाते, माँ का है किरदार ही ऐसा शब्द ही सारे कम पड़ जाते, माँ से ही सारी दुनिया है निःस्वार्थ प्रेम की है अवतार, माँ के चरणों मे स्वर्ग बसा है जो जान ले धन्य हो उसका संसार...।
एक रिश्ता है ऐसा जो कभी जताया नही जाता, भाई बहन का प्यार कभी दिखाया नही जाता, लड़ाई, झगड़ो में आसानी से छुपा लेते वो मन की बात, साथ रहे तो लड़ते है हरदम पर एक दूजे के बिना भी इनसे रहा नही जाता.....।