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ब्राह्मण

यदि हम पुराणों में लिखी इस बात को स्वीकारते है कि ब्राह्मण जाति सबसे उच्च है तो हमे यह भी स्वीकारना चाहिए कि ब्राह्मण के कर्तव्य अन्य जाती से कठिन व सजा सभी जातियों में सबसे कठोर है। पुराणों में ब्राह्मण को उच्च जाति कहा गया यह सोचकर पुराणों के विषय मे गलत विचार लाने की बजाय यह जानने की कोशिश करे कि ऐसा क्यो???? अधूरा ज्ञान सर्वदा विनाशक है...। @@@@@@@@@@@@@@@@@ यदि आप मानते हो कि हम ब्राह्मण है  हमारी जाती सबसे उच्च है, तो यही  समय है जब आप ब्राह्मण के कर्तव्यों  को नजदीक से जानकर उन पर अमल  करना शुरू कर दो। @@@@@@@@@@@@@@@@@ किसी पुराण में पढ़ा था कि मूर्ख व अपने कर्तव्यों से विमुख ब्राह्मण को दिया गया दान व्यर्थ है...। अर्थात ब्राह्मण को उच्च जाति का दर्जा क्यो दिया गया? यह समझना अति आवश्यक है।

आजकल के रिश्ते

सब लोग अपने मन मे लिए गुमार बैठे है, उलझन बड़ी है रिश्तों में सब ऐसे ऐंठे है, समझने की अब बात कहाँ बस "मैं ही क्यो?" तो चलता है, सब अपनी जगह है डटे हुए यहाँ कोई ना थोड़ा हिलता है, वो कहते उसने गलत किया ये ढूंढे उसकी गलती कुछ, छोटी छोटी बातों पर सब जाते एक दूजे से रुठ, अब वो पहले सा प्यार कहाँ  अब वो पहले सी बात कहाँ, वही प्रेम तलाशे रिश्तों में हुए हताश ढूंढे यहाँ वहाँ....।