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हर घर तिरंगा

आज जब निकले घर से बाहर गली गली में तिरंगा था, हर एक घर हर कोना भैया तीन रंगों से रंगा था, शान तिरंगे की जब भी देखु गर्व से मन फूल जाता है, लगा था बन गए देशभक्त सब मन में विश्वास न आता है, कुछ देर ये भ्रम रहा फिर पल में चकनाचूर हुआ, सेल्फी हुई अपलोड और  ध्यान तिरंगे से दूर हुआ, कही हवा में लहराता पर कही कही तो झुक रहा, कही है उलझा तारो में तो कही उल्टा लटक रहा, अभियान का मकसद क्या इसका मुझको भान नही, हर घर मे हो तिरंगा पर इस तरह अपमान नही, जनता में देशप्रेम जगाना इतना भी आसान नही, भीड़ में चलने वालों के मन मे तिरंगे का सम्मान नही, जो आधे दिन के बाद ही तिरंगे को भूल जाये, राष्ट्रीय त्यौहारों के बाद जब तिरंगा सड़को पर पाए, साल में दो दिन प्रेम दिखाए बाकी दिन देश को खाते है, देश को धोखा देकर क्यो??? तिरंगे को लहराते है, अभियान का विरोध करना यह मेरा मकसद नही, कहने का अर्थ बस इतना है तिरंगे की गरिमा पर हो चोट नही....।

दादीजी की डिब्बी- संस्मरण

दादी, नानी की कहानियाँ तो हर किसी के जीवन मे होती है। वैसे ही एक छोटा सा हिस्सा मेरे जीवन का भी है जो अचानक याद आ गया तो सोचा आप सभी से साझा करूँ।                 बात कुछ ऐसी है की घर के जो बुजुर्ग होते है उनके आगे घर का हर सदस्य बच्चा ही होता है। फिर वह कितना ही बड़ा क्यो न हो।         हमारे घर मे भी 10 से 11 लोग है जिनमे बच्चे भी है उनके माता-पिता भी है और हम सबसे ऊपर दादीजी है। हमारे दादीजी, घर के मुख्य कमरे में रहते है। उनके पलंग पर पूरे घर का स्वास्थ्य संसार बसा होता है। हर दर्द की दवा होती है उनके पास और हर समस्या का समाधान भी।     पलंग पर वही कोने में हमारी दिनचर्या का सबसे बड़ा खजाना रखा होता है जिसमे घर के हर सदस्य का हाथ जाता है लेकिन हाँ पूछकर......। वैसे तो अब तक दादीजी ने हमारी हर बड़ी जरूरतों को भी पूरा किया है पर छोटी-छोटी जरूरते जिनसे छोटी-छोटी खुशी मिलती है उसका निदान है दादीजी की डिब्बी...।     अब बताऊँ उस डिब्बी में होता क्या है? उसमें होते है बहुत सारे सिक्के 1 के, 2 के, 5 के, 10 के। हम सभी को जब भी कुछ खाना हो या और भी कोई काम हो तो सबसे पहले नजर में आती है वो और हाथ

राखी

भाई बहन का त्यौहार, जिनमे छिपा होता प्यार, इनका प्यार कभी सामने नही आता, लड़ाई झगड़ो के पीछे छिपकर मंद-मंद मुस्कुराता, यह जोड़ी सभी रिश्तों में अनमोल है, इसीलिए तो रक्षाबंधन के त्यौहार का बिना झगमग के भी मोल है। रक्षाबंधन की आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएँ

दोस्ती

दोस्ती का रिश्ता बहुत खास होता है, इसका हर रिश्ते में एहसास होता है, रिश्ता खून का हो, प्रेम का हो या भावुकता का हो, दोस्ती के बिना हर रिश्ता उदास होता है।      दोस्त इतना हँसाते है, की खून बढ़ा देते है।                       मित्रता दिवस की खून बढ़ाकर बधाई।