अच्छा बनने की कोशिश
झूठ कहुँ तो कहना आपको पता है जब कोई इंसान अच्छा बनने की कोशिश करता है तो लोग कुछ इस प्रकार के शब्दों से उसका मनोबल घटाते है।👇👇👇 १) ज्यादा अच्छा बनने की जरूरत नही। (अरे अच्छा बनने की जरूरत क्यों नही और अच्छा बनने की जरूरत तो सबसे पहले स्वयं के लिए है बाद में दुसरो के लिए।) २) समझो..... दुनिया में अच्छे लोगो की कीमत नही होती। (अच्छा तो आज की दुनिया को देखो क्या वो किसी डॉन या बुरे व्यक्ति का सम्मान करती है। सम्मान तो स्वामी विवेकानंदजी जैसे महापुरुषो का होता है जो अच्छे थे।) ३) जो जैसा है उसके साथ वैसा ही करो। (नही जो सही है वही करना चाहिए क्योंकि बुरे को बुरा ही देने से हम इसके आदि हो जाते है और फिर अच्छे को भी बुरा देने लगते है इसीलिए जो उचित हो वही करो) ४) सभी गलत कर रहे तो तुम क्यों महान बनते हो...। (पहली बात तो यहाँ महान बनने की बात नही क्योकि महानता का पद तो दुनिया देती है हमे तो बस अच्छा बनना है और दूसरी बात दुनिया बेवकूफ तो क्या हम भी बेवकूफ बने।) ५) खुद फ़टी चादर में सोते हो और दूसरों को कम्बल बाटते हो....। (तो बात ऐसी है की अपनी ऊँची चादर भी हमे फ़टी इसीलिए नजर आती