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खुश जीवन

लपट सी धुप में भी खुशियो को पकते देखा है, आज मैने एक गाँव में खुश जीवन को देखा है । कुछ देर पहले जो गुमसुम था एक शहर में, अलग अलग सा रहता था शहरों की लहर में, पर अचानक उछल पड़ा वो जैसे गाँव आया, लगा जैसे जीवन को उसका जीवन मिल गया , पहली बार जीवन को इतना हंसते देखा है, आज मैने एक गाँव में खुश जीवन को देखा है । जब मौसम बारिश का आया वो भी तो मजेदार बना, खूब भीगा जीवन जब बना टपरों का झरना, बच्चों संग वो मस्ती करता शरारते भी करता है, धूल हो या मिट्टी हो उसको फर्क ना पड़ता है, शहरों की बारिश तो उसको याद ही ना आती है, पर शहर में जब भी होता गाँव की याद सताती है, शहरों में लोगो की भीड़ बारिश से चिढ जाती है, गाँव में बरखा आये तो कली कली खिल जाती है बारिश में खूब धूम मचाते हँसते गाते देखा है, आज मैने एक गाँव में खुश जीवन को देखा है हर मौसम में खुशियाँ ढूंढे गाँव का यही तरीका है, शहरों में तो हर मौसम फीका फीका लगता है, शहरों में तो स्टैण्डर्ड के बोझ में दबते देखा है, गाँव में तो बिन चिंता के धूम मचाते देखा है, आज मैने एक गाँव में खुश जीवन को देखा है आज मैने एक गाँव में खुश जीवन