आज जब मैं कॉलेज से घर आ रही थी, तब बस में मेरे सामने वाली सीट पर दो लड़कियाँ बैठी थी, शायद 11 या 12 साल की होंगी | वो जब बाते कर रही थी तो मुझे हँसी आ रही थी क्योकि उनकी बातो का विषय था उनकी स्कूल और स्कूल की बाते तो होती ही है मजेदार और फिर वो जिस तरह से बाते कर रहे थे हाथ और सर हिलाकर , नकल उतारकर तो मैं क्या कोई भी हँस पड़ता । पर इसके बाद जो मैंने मासूम नजारा देखा उसको देख कर मेरे चेहरे से हँसी की जगह मुस्कुराहट ने ले ली । उन्होंने स्टेशन से दो मूंगफली के पैकेट लिए जो आगे आने वाली नदी में मछलियो के लिए थे और एक पैकेट लिया उनके खाने के लिए । फिर वो सोच विचार करने लगी की इसे नदी में कैसे डाले ???? क्योकि उनकी टीचर ने सिखाया था , नदी में या कहीं पर भी पालीथीन नही फेंकनी चाहिए तो अब क्या करे??? फिर उनमे से एक ने कहा अपन मूंगफली कागज में बाँध कर डालते है कागज नदी में गल जायेगा फिर दोनों ने अपनी रफ कॉपी में से एक एक पेज निकाला और मूंगफली उस पेज में रखी फिर पहली ने दूसरी से कहा - क्या करे मूंगफली ऐसे ही डाले क्या?? तो दूसरी तपाक से बोली - पागल है क्या मछलियो के मुँह कितने छोटे छोटे हो