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धनतेरस

👣👣👣👣👣👣👣 छमछम करती लक्ष्मी माँ आएगी सबके द्वार, देखेगी हर घर में माँ किसका कैसा व्यवहार, किस रूप में माँ आएगी ये ना जाने कोय, ध्यान रहे द्वार से आपके कोई निराश ना होय । धनतेरस की बहुत बहुत शुभकामनाये 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 nutankevichar.blogspot.com

नमामि देवी माँ नर्मदे

https://youtu.be/VOyWWZL1b-s

नारी के संस्कार

नारी , जिसे दुनिया अबला समझती है और कहती है नारी को पुरुषो के समान अधिकार, प्यार, सम्मान और संस्कार मिलना चाहिए । शुरू की 3 चीज़े तो सही है लेकिन जब बात संस्कार की आती है तो उसमे नारी व पुरुष को समान नही रखा जा सकता । मेरे कहने का तात्पर्य यह नही है की नारी को बंदिश में रखा जाए या रूढ़िवादी संस्कार उस पर थोपे जाए मेरे कहने का तात्पर्य है संस्कार। अच्छे संस्कार की जरूरत तो नारी और पुरुष दोनों को है पर ध्यान देने की जरूरत पुरुष से ज्यादा नारी पर है और ऐसा इसीलिए क्योकि नारी एक शक्ति है वो शक्ति जिसकी क्षमता का अंदाजा अब तक कोई नही लगा पाया । नारी का सम्बन्ध दो परिवारो से होता है एक उसका पीहर और एक ससुराल । नारी इन दोनों घरो का मान होती है । नारी यदि अपनी शक्ति को पहचान ले तो वह कुछ भी कर सकने की ताकत रखती है और उस समय वह शक्ति कई पुरुषो की ताकत के समान होती है। नारी की इसी शक्ति के कारण उसके संस्कारो पर ध्यान देने की जरूरत ज्यादा है क्योकि यदि नारी के संस्कार अच्छे हुए तो वह दोनों घरो को स्वर्ग बना देगी। हर परिस्थिति में स्वयं को ढाल लेगी। किन्तु यदि नारी के संस्कारो में खोट रही तो वह

आँखों देखी मासूमियत

आज जब मैं कॉलेज से घर आ रही थी, तब बस में मेरे सामने वाली सीट पर दो लड़कियाँ बैठी थी, शायद 11 या 12 साल की होंगी | वो जब बाते कर रही थी तो मुझे हँसी आ रही थी क्योकि उनकी बातो का विषय था उनकी स्कूल और स्कूल की बाते तो होती ही है मजेदार और फिर वो जिस तरह से बाते कर रहे थे हाथ और सर हिलाकर , नकल उतारकर तो मैं क्या कोई भी हँस पड़ता । पर इसके बाद जो मैंने मासूम नजारा देखा उसको देख कर मेरे चेहरे से हँसी की जगह मुस्कुराहट ने ले ली । उन्होंने स्टेशन से दो मूंगफली के पैकेट लिए जो आगे आने वाली नदी में मछलियो के लिए थे और एक पैकेट लिया उनके खाने के लिए । फिर वो सोच विचार करने लगी की इसे नदी में कैसे डाले ???? क्योकि उनकी टीचर ने सिखाया था , नदी में या कहीं पर भी पालीथीन नही फेंकनी चाहिए तो अब क्या करे??? फिर उनमे से एक ने कहा अपन मूंगफली कागज में बाँध कर डालते है कागज नदी में गल जायेगा फिर दोनों ने अपनी रफ कॉपी में से एक एक पेज निकाला और मूंगफली उस पेज में रखी फिर पहली ने दूसरी से कहा - क्या करे मूंगफली ऐसे ही डाले क्या?? तो दूसरी तपाक से बोली - पागल है क्या मछलियो के मुँह कितने छोटे छोटे हो