इंसानियत बचाओ
अपने धर्म की रक्षा करो तुम नही किसी को एतराज़, अपने धर्म को बढ़ाने का बेशक करो आगाज, पर बतला दो एक बात मुझे तुम किसने दिया ये हक तुम्हे, की धर्म के नाम पर इंसानियत का गला घोटने तुम लगे, धर्म हमारी धरोहर है इसको ना बदनाम करो, देश के लिए हम एक हुए थे उस पल को तुम याद करो, भारत माँ को कुछ भी बोला जान उसकी निकालेंगे, पर हे कसम इस गुस्से में बेगुनाहो को नही मारेंगे हे संकल्प हे संकल्प ऐसा हे संकल्प इंसानियत को बचाने का यही हे एक विकल्प बस यही हे एक विकल्प