एक लड़की के लिए जैसा पिता का साथ होता है, ससुराल में वैसा ही ससुर जी का सर पर हाथ होता है, ससुर जी का प्रेम बहु नही बेटी होने का एहसास करवाता है, ससुर जी का होना ससुराल में राज करवाता है।
वो रिश्ते अक्सर टूट जाते है जिनकी डोर कच्ची होती है, कोई नही सोचता आजमाने में, बहुत मेहनत लगती है रिश्ते जमाने मे, जिन रिश्तों को पल नही लगता टूटने में, समझ जाओ मजबूती थी ही नही उस रिश्ते में....।