ओए तू कब फोन करेगी?? - संस्मरण
दोस्ती क्या होती है, यह हम सभी महसूस करते है। दोस्तो के साथ बिताए पलो में कुछ पल ऐसे भी होते है जो हम कभी भूलते नही और जब भी याद करते है दिल मे खुशी और चेहरे पर हँसी पाते है। ऐसा ही एक वाकया है मेरी जिंदगी का जो मुझे हमैशा याद रहेगा। सुबह हो चुकी है, जैसे हर दिन शुरू होता है आज भी शुरू हुआ। मुझे सुबह जल्दी उठकर खुली हवा में जाना बहुत सुकून देता है तो उस सुकून के साथ मे थोड़ी सेहत भी अवेर लेती हूं और थोड़ा योग कर लेती हूं। बस आज भी मेरा यही नियम रहा और मैं योग करने छत पर गयी। योग करने बैठी ही थी कि मेरी सहेली का फोन आया- कितनी देर से राह देख रही हूँ तेरे फोन का कब करेगी? तुझे याद भी है या भूल गयी? मैं ही हर बार फोन करके याद दिलाऊँ की आज मेरा जन्मदिन है। वो एक ही सांस में सब ऐसे बोल दी इतनी सांस तो में अनुलोम विलोम में भी नही खिंचती। मैंने कहा- अरे हाँ मैं फोन करने ही वाली थी और तेरा फोन आ गया तुझे भी शांति नही है है ना। वो बोली- कैसे शांति रखु सबके मेसेज फोन आ रहे एक तेरा ही नही आता। अब तो हर बार जब भी उसका जन्मदिन आता है मैं इसी दिन को याद करके फटाफट