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ओए तू कब फोन करेगी?? - संस्मरण

दोस्ती क्या होती है, यह हम सभी महसूस करते है। दोस्तो के साथ बिताए पलो में कुछ पल ऐसे भी होते है जो हम कभी भूलते नही और जब भी याद करते है दिल मे खुशी और चेहरे पर हँसी पाते है। ऐसा ही एक वाकया है मेरी जिंदगी का जो मुझे हमैशा याद रहेगा।      सुबह हो चुकी है, जैसे हर दिन शुरू होता है आज भी शुरू हुआ। मुझे सुबह जल्दी उठकर खुली हवा में जाना बहुत सुकून देता है तो उस सुकून के साथ मे थोड़ी सेहत भी अवेर लेती हूं और थोड़ा योग कर लेती हूं।                                  बस आज भी मेरा यही नियम रहा और मैं योग करने छत पर गयी। योग करने बैठी ही थी कि मेरी सहेली का फोन आया- कितनी देर से राह देख रही हूँ तेरे फोन का कब करेगी? तुझे याद भी है या भूल गयी? मैं ही हर बार फोन करके याद दिलाऊँ की आज मेरा जन्मदिन है। वो एक ही सांस में सब ऐसे बोल दी इतनी सांस तो में अनुलोम विलोम में भी नही खिंचती। मैंने कहा- अरे हाँ मैं फोन करने ही वाली थी और तेरा फोन आ गया तुझे भी शांति नही है है ना। वो बोली- कैसे शांति रखु सबके मेसेज फोन आ रहे एक तेरा ही नही आता। अब तो हर बार जब भी उसका जन्मदिन आता है मैं इसी दिन को याद करके फटाफट

वीर रस की कवि हूँ मैं

*वीर रस की कवि हूँ मैं* लड़की हूँ यह देखकर समझते है सब श्रृंगार रस की कवि हूँ मैं, पतली सी आवाज है मेरी  नाजुकता की छवि हूँ मैं, पर हर नारी कोमल है यह बात सुनो सब झूठ है, नाजुक, कोमल के साथ शक्ति भी वीरांगनायें सबूत है, श्रृंगार रस में रचना लिखना मुझे तो कहा आता है, वीर रस में लिखना, सुनना आनन्द मुझे दिलाता है, तपन से अपनी रोशन करे चमचमाता रवि हूँ मैं, कोमल, नाजुक नारी हूँ बेशक पर वीर रस की कवि हूँ मैं....। *पूजा ओझा (नूतन पू.त्रि.)*

प्रकृति

प्रकृति जब अपनी खूबसूरती दिखाती है,  जमाने की सारी चकाचोंध फिंकी पड़ जाती है...।

स्टेटस डालने की जल्दी- संस्मरण

मेरी शादी को अभी कुछ ही महीने हुए थे।  काम से निपट कर मैं बेठी। मैंने मोबाइल हाथ में लिया और व्हाट्सएप पर स्टेटस देखने लगी। तभी मेरी एक सहेली के स्टेटस पर मैंने देखा उसकी खुद की फोटो डाली है और नीचे लिखा है ॐ शांति.....। मैं चौक गई ! मैंने सोचा, अरे ! ऐसा कैसे यह कैसे हुआ? मेरे कुछ समझ नहीं आया। इतनी देर में मेरी दूसरी सहेलियों के फोन आने लगे यह क्या हुआ?  मैंने उनके नंबर पर फोन किया लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। मैंने बार-बार फोन किया पर कोई जवाब नहीं आया।  अचानक से किसी सहेली के स्टेटस पर उसके मरने की खबर आ जाए तो इंसान की क्या हालत होगी???? जबकि कुछ ही दिन पहले आपकी उससे बात हुई है। अचानक ऐसा क्या हुआ? मुझे समझ नहीं आया मैं क्या करूं? फिर मुझे ध्यान आया की उनके गांव में उनके घर के पास मेरे साथ पढ़ाने वाली एक मैडम का घर भी है।  मैंने उनको फोन किया उन्होंने भी फोन नहीं उठाया। मुझे तो कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था क्या करूँ??   फिर दोबारा मैंने उनको फिर फोन किया उन्होंने फोन उठाया तो पीछे से ढोल की आवाज आ रही थी मैं फिर घबरा गयी यह ढोल किस बात पर बज रहा है?  फिर मैंने उनसे अपनी सहेली का

कौन अनोखा

ना किस्से ना कहानी में, ना बचपन ना जवानी में, बुढापा भी गुजर जाएगा इन कुछ मनमानी में, जरा इस बार अपने आप से पूछो तो बस इक बार, किया है क्या अनोखा तुमने अपनी जिंदगानी में, 2 अगर जवाब में मिले ना तुमको इक अनोखी बात, घमंड ये छोड़ देना हो बड़े जग की कहानी में....।