जिंदगी- अनोखी या आम

सुबह होती है, 
शाम होती है,
जिंदगी यू ही 
तमाम होती है, 
चंद लोग ही 
कर पाते है 
जीवन मे 
कुछ अनोखा, 
बाकी तो सबकी जिंदगी 
आम होती है। 
कोशिश है जोड़ने की 
उन चंद लोगो मे 
अपना नाम,  
वरना तो आम थे, 
आम है और 
रह जाएंगे आम।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

संस्मरण - तुम 3 साल की हो।

महिला का उपवास

पीहर